The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

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मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्।

अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

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अर्थ: हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक read more संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.

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